-: महासभा कार्यकारिणी बैठक कार्यवाही विवरण दिनांक 07.07.2024 :-
श्री जयन्तसेन अराधना भवन, महवा (दौसा)
अखिल भारतीय पल्लीवाल जैन महासभा की कार्यकारिणी की बैठक दिनांक 07.07.2024 को श्री जयन्तसेन अराधना भवन, महवा (दौसा) में आयोजित की गई। सर्वप्रथम भगवान श्री महावीर स्वामी के छायाचित्र पर माल्यापर्ण, दीप प्रज्वलन किया गया तथा मंगल गान श्री अशोक कुमार जैन, महवा द्वारा किया गया। श्रीमती रेणु जैन, महवा द्वारा स्वागत गान कर पधारे सभी अतिथियों का स्वागत किया। मंचासीन महासभा के अध्यक्ष श्री त्रिलोक चन्द जैन, अर्थमंत्री श्री भाग चन्द जैन, पूर्व महामंत्री श्री श्रीचन्द जैन, श्री रमेश पल्लीवाल, पूर्व सगंठन मंत्री, पवन जी तिजारा, श्री राजेन्द्र कुमार जैन, पत्रिका संयोजक, श्री रविन्द्र जैन (हमा भाई) समाज सेवी का महवा शाखा के श्री राजेन्द्र जैन, श्री पवन जैन, श्री विमल जी जैन, पाखर प्रदीप जी आदि द्वारा मंचासीन सभी व्यक्तियों एवं उपस्थित समस्त कार्यकारिणी सदस्यों एवं विशेष आमतित्र सदस्य एवं उपस्थित विभिन्न शाखाओं के अध्यक्ष, मंत्री जी का माल्यापर्ण कर स्वागत एवं सम्मान किया गया। इसके उपरांत विधिवत बैठक प्रारम्भ की गयी। अध्यक्ष द्वारा अवगत कराया गया है कि कोरम का अभाव होने के कारण बैठक 1 घंटे के लिए स्थगित की जाती है।
मीटिंग स्थगित होने पर महवा में विराजमान आचार्य श्री विश्वरत्नसागर सूरीश्वर जी म.सा. द्वारा आर्शीवचन दिये गये। आचार्य श्री जैन समाज में व्याप्त कुरूतियों की तरफ सबका ध्यान आकर्षित कर उन्हें समाप्त करने के प्रयास करने पर चर्चा की तथा समस्त जैन समाज को एकजुट होकर, जैन धर्म की प्रभावना को बढाने के प्रयास करने का आवाहान किया। आचार्य श्री के प्रवचन उपरान्त 1 घंटे के बाद बैठक का विधिवत पुनः प्रारम्भ किया गया। अध्यक्ष महोदय द्वारा महामंत्री जी के उपस्थित नही होने के कारण बैठक का संचालन के लिए श्री पारस चन्द जैन, (खेडली) जयपुर को अधिकृत किया गया।
श्री सुरेश जैन सिस्टम ने अपने विचार रखते हुए बताया कि महासभा का गठन हमारे पूर्वजो ने किस उद्देश्य से किया और हम किस स्थिति में है। हस्तिनापुर में चुनाव में श्री राजीव रतन एवं श्री आर0 सी0 जैन साहब ने पूरे समाज की किरकिरी करवाई तथा इन दोनो ने इस्तिफा दिया था। कार्यकारिणी द्वारा भी निष्कासित कर दिया, अतः दोनों को ही महासभा में किसी भी पद पर नहीं आना चाहिए। मेरा तो अध्यक्ष जी से निवेदन है कि आप कार्य करे एवं आगे बढे महामंत्री साथ दे या न दे, समाज साथ देगा। पत्रिका सम्पादक मण्डल की बहुत घटिया लेखन शैली है। इस माह की पत्रिका में महामंत्री की पाती छापी गई. जिसकी लेखन शैली एक दम निम्न स्तर की थी। महामंत्री द्वारा व्हाटसएप्प ग्रुप पर अमृत महोत्सव के फोटो डाले गये उनमें महासभा के बैनर पर अध्यक्ष एवं अर्थमंत्री का नाम नहीं है, यह उनकी सोच को दर्शाता है। मैं पत्रिका सम्पादक मण्डल का परजोर विरोध करता हैं।
श्री सुरेन्द्र जैन घोसराना, सदस्य अलवर ग्रामीण ने बताया कि मैंने कई बार कार्यकारिणी के व्हाट्सएप ग्रुप एवं महामंत्री को व्यक्तिगत व्हाट्सएप पर लिखा कि इस गतिरोध को दूर करें, ताकि सभी मिलकर कार्य कर सकें तथा समाज के हित के कार्य हो सकें, लेकिन इन्होंने आज तक इसको गंभीरता से नहीं लिया। प्रतिनिधि सम्मेलन का आयोजन होना चाहिए तथा उसमें खुला अधिवेशन हो, जिसमें सभी अपनी बात रख सकें। महामंत्री द्वारा अपने स्तर से बैठक बुलाकर तीन निर्वाचित कार्यकारिणी सदस्यों को महासभा से निष्कासित किया है, जो कि पूर्णतया अवैधानिक है। इस तरह से ये कल हमको भी निष्कासित कर सकते हैं। फिर अध्यक्ष साहब का भी नंबर आ जाएगा। आज ही प्रतिनिधि सम्मेलन का प्रस्ताव पारित किया जाना चाहिए। ज्यादा से ज्यादा लोगों को पता लगना चाहिए कि महासभा में क्या चल रहा है।
मुकेश चन्द जैन, जयपुर ने कहा, “अब हमें पीछे मुड़कर नहीं देखना चाहिए। विगत बैठक में नया पत्रिका संपादक मंडल बनाया गया, लेकिन पुराने संपादक मंडल द्वारा अभी तक चार्ज नहीं दिया गया। तुरंत चार्ज की कार्यवाही की जाए। अध्यक्ष साहब के पत्रों को पत्रिका में प्रकाशित नहीं किया जाता, आपको कठोर निर्णय लेते हुए आगे की कार्यवाही करनी चाहिए। पत्रिका का विकल्प ढूंढकर समाज तक अपनी खबर पहुंचानी चाहिए।”
श्री सुभाष जी जैन, पालम ने कहा, “सब कुछ गड़बड़ हस्तिनापुर की घटना के बाद से हुआ है। महामंत्री खराब नहीं है, लेकिन उनके सलाहकार सही नहीं हैं। हमने महामंत्री जी को भी कहा कि आप इस बैठक में आएं तथा अपनी बात रखें, लेकिन महामंत्री अपनी गलतियों को फेस नहीं करना चाहते। पत्रिका द्वारा एकतरफा प्रकाशन की कार्यवाही की जा रही है। अतः इसका विकल्प तैयार करना पड़ेगा। व्हाट्सएप के माध्यम से सूचनाएं प्रसारित की जाएं। प्रतिनिधि सम्मेलन से पूर्व एक विस्तृत पत्र संपूर्ण समाज को लिखा जाना चाहिए, जिससे सभी को पता चल सके कि महासभा में क्या चल रहा है।”
श्री अशोक कुमार जैन, जयपुर ने कहा, “पूर्व महामंत्री श्री राजीव रतन द्वारा अब तक खातों के हस्तांतरण के लिए हस्ताक्षर नहीं किए गए हैं। इससे विधवा सहायता में भी परेशानी आ रही है। पूर्व महामंत्री के द्वारा जयपुर शाखा द्वारा ली गई जमीन में करोड़ों का घोटाला बताया गया, लेकिन आज तक कोई सबूत नहीं दिए गए, केवल पत्रिका के माध्यम से भ्रामक जानकारी देकर समाज में भ्रम फैलाया गया। जबकि जमीन के बारे में इन्हें कुछ नहीं पता, अतः पूर्व महामंत्री को महासभा से छह वर्ष के लिए निष्कासन की कार्यवाही की जानी चाहिए। इसी प्रकार पत्रिका मंडल द्वारा मनमानी की जा रही है। अध्यक्ष महोदय, आपका पत्र छापते नहीं, और हमारा पैसे लेकर समाचार छापा जाता है। पत्रिका मंडल को भी महासभा की सदस्यता से छह वर्ष के लिए निष्कासित किया जाना चाहिए। अध्यक्ष महोदय, आपको कठोर निर्णय लेने पड़ेंगे।”
श्री सुरेश चन्द जैन, पालम ने कहा, “पालम शाखा से, बैठक एक मंच पर नहीं होने के कारण महामंत्री द्वारा बुलाई गई पूर्व की बैठक का बहिष्कार किया गया। अब पालम शाखा ने निर्णय किया है कि हम दोनों की बैठक में जाएंगे तथा अपनी बात रखेंगे। अध्यक्ष महोदय द्वारा सद्भावना बैठक बुलाकर एक करने का प्रयास किया गया, लेकिन एक नहीं हो पाए। दोनों पक्षों से विनती है कि एक होकर बचा हुआ समय का सदुपयोग करें।”
अलवर शाखा के निर्वाचित कार्यकारिणी सदस्यों ने अवगत कराया कि अलवर शाखा में निर्वाचित कार्यकारिणी सदस्यों को दरकिनार कर अध्यक्ष और मंत्री महोदय ने अपनी हठधर्मिता दिखाते हुए अपनी मनमर्जी करने लग गए और अनुचित तरीके से अन्य सदस्यों का मनोनयन कर विधान की घोर अवहेलना की गई। 28 मई 2024 को अलवर शाखा की बैठक हुई, जिसमें तय हुआ था कि निर्वाचित सदस्यों में से शेष अन्य पदाधिकारी बनाए जाएंगे। लेकिन अचानक दूसरे दिन समाचार-पत्र के माध्यम से पता लगा कि अन्य सदस्यों का मनोनयन कर कार्यकारिणी का गठन कर दिया। जिनका अनुचित तरीके से मनोनयन किया गया, उनको हटाया जाए। सभी के द्वारा इस कार्य की भर्त्सना की गई।
श्री पवन जी जैन तिजारा- जयपुर पूर्व अध्यक्ष श्री आर०सी० जैन द्वारा समाज की छवि को धूमिल किया है, उनके द्वारा हस्तिनापुर में इस्तीफा दिया गया, जो आगामी बैठक में कार्यकारिणी द्वारा स्वीकार किया गया इस्तीफा देने के बाद भी वह महासभा में मनोनीत सदस्य रहना चाहते है, जिससे स्पष्ट है कि वह एनकेन प्रकारेण महासभा में चिपका रहना चाहते है। यह उचित नहीं है। इसी प्रकार जयपुर शाखा द्वारा ली गई जमीन का मुद्दा बार-बार उठाया जाता है जिसने भी प्लॉट खरीदे उन सब को जे०डी०ए० पट्टा मिल गया तथा समाज को निःशुल्क 4000 वर्गगज जमीन मिल गई तथा उसकी रजिस्ट्रिी भी जयपुर शाखा के नाम हो गई। प्लॉट धारको को रू.6200 /- प्रति गज की दर से जमीन दी गई थी, जिसकी कीमत आज रू. 15000 /- प्रति गज है। प्लाट होल्डर और जयपुर शाखा को कोई परेशानी नही हो रही पता नहीं इनको क्यो परेशानी हो रही है ? हस्तिनापुर चुनाव घटनाक्रम के बाद श्री महेश चन्द जैन महामंत्री द्वारा एक पत्र लिखा गया कि श्री आर०सी०जैन एवं श्री राजीव रतन जैन को 10 वर्षो के महासभा से निष्कासित किया जावे, उस पत्र की प्रति मेरे पास आज भी है। आज महामंत्री श्री महेश जी उनको ही साथ लेकर घूम रहे इसी प्रकार सहमंत्री पवन चौधरी का भी खेरली में विवदास्पद जमीन का प्रकरण है, जो कि अलवर से प्रकाशित दैनिक भास्कर समाचार-पत्र में छपा है। ऐसे लोग समाज के कर्णधार बन कर घूम रहे है। अध्यक्ष महोदय एक पम्पलेट छपवाये जिसमें शुरू से अब तक की पूर्ण जानकारी हो तथा उसे समाज के प्रत्येक व्यक्ति तक पहुँचाये जाये, ताकि सबको वास्तविक स्थिति का पता चल सके। श्री आशीष जी मुरैना अपने विचार रखे गये की यह गतिरोध बिलकुल गलत चल रहा है। महासभा का समय खराब हो रहा है, पत्रिका एक तरफा प्रकाशित की जा रही है, कार्यवाही का प्रसारण व्हाट्एप के माध्यम से या कुछ ऐसा रास्ता निकालना चाहिये कि समाज तक अपनी बात पहुंच सके।
श्री पदम चन्द एडवोकेट, मुरैना- महामंत्री एवं अन्य पदाधिकारी सहयोग नहीं कर रहे है, उनकी बात करना बेकार महोदय आप कार्य करे, पूरी महासभा आपका साथ देगी। सब मिलकर अध्यक्ष महोदय का सहयोग करे।
अध्यक्ष श्री राजेन्द्र कुमार जैन, जयपुर, पत्रिका संयोजक मैनें चार्ज देने हेतु श्री चन्द्रशेखर जैन को फोन किया तथा मैसेज भी भेजा, उन्होने साफ शब्दों में कहा कि महामंत्री कहेगें जब ही चार्ज देगें उनके द्वारा चार्ज देने से साफ मना कर दिया गया। हमें डिजीटल पत्रिका के प्रकाशन पर विचार करना चाहिए। हम शीघ्र ही इस पर कार्य करेगें जमीन के प्रकरण को बार-बार छेड देते है, मैं स्वयं जमीन समिति का सदस्य था, शाखा और प्लाट होल्डर को कोई परेशानी ही नही है इनका मूल उद्देश्य पल्लीवाल शिक्षा समिति है क्योंकि इस मुद्दे को बार-बार छेडने के पीछे कोई उद्देश्य ही नजर नही आ रहा। इनकी कार्यवाही समाज हित में तो नही है, समय खराब किया जा रहा है इस मुद्दे को यही समाप्त किया जाना चाहिए।
श्री श्रीचन्द जैन पूर्व महामंत्री – जयपुर शाखा की जमीन का मुद्दा वगैर वजह से बार-बार उठाया जाता है। जबकि इसमें पूर्ण पारदर्शिता रखी गई थी। कुछ लोगों के द्वारा इस जमीन के मुद्दे को बार-बार उठाया जाकर विवादस्पद बनाने का कुप्रयास किया जाता रहा है। इसमें कहीं भी समाज हित नजर नही आ रहा है, अतः हमें आज प्रस्ताव पारित कर इस मुद्दे को यहीं समाप्त कर देना चाहिए। सर्व सम्मति से प्रस्ताव पारित किया गया। हमारे पास प्रसारण का साधन नहीं है, जिससे सही बात समाज तक नहीं पहुँच रही है। हमें इस पर विचार करना चाहिए। महासभा द्वारा कोई गतिविधि नहीं की जा रही है। व्हाट्सएप्प के माध्यम से अमृत महोत्सव मनाया जा रहा है, जिसमें कहीं किसी मंदिर में कोई विधान भी होता है, तो महासभा का कार्यक्रम बताया जा रहा है। न्यायालय में जाने पर महामंत्री द्वारा अवैधानिक बैठक बुलाकर तीन निर्वाचित कार्यकारिणी सदस्यों को महासभा से निष्कासन किया गया। जो कि पूर्णतया अनुचित है। इससे पूर्व में कई बार कोर्ट केस हुए है, इस प्रकार की गतिविधियां महासभा को तोडने का कार्य करती है इनसे हमें बचना चाहिए। अलवर शाखा के अध्यक्ष एवं महामंत्री द्वारा जो किया गया है वह पूर्णतया अवैधानिक है तथा विधान का सरासर उल्लघंन है।
श्री राजेश जैन, आगरा- दूसरे पक्ष में ऐसे लोग बैठे हुए है, जो एक नहीं होने देगें। जो हो रहा है, होने दो, अपनी योजनाओं को लाओं और उस पर कार्य करो। श्री अशोक जैन, अलवर आज महासभा में एक-दूसरे की टांग खीची जा रही है। कुछ लोगों द्वारा समाज को तोडने का बीडा उठा लिया है। अतः हमें कुछ कठोर निर्णय लेने होगें।
श्री सुरेश चन्द जैन परवैणी, जयपुर महामंत्री द्वारा अध्यक्ष महोदय का साथ नहीं दिया जा रहा है। अध्यक्ष जी आप समाज सेवा की भावना से कार्य करना शुरू करें, समाज अपने आप साथ लग जायेगा। अध्यक्ष को कार्य की सहायता के लिए एक कार्यवाहक महामंत्री भी मनोनीत कर दिया जाये महामंत्री जी पत्रिका को एक तरफा चला रहे है और बिना अध्यक्ष के ही कार्यक्रम कर लेते है, मैं महामंत्री जी का विरोध करता हूँ। अध्यक्ष महोदय आप आगे बढ़े समाज आपके साथ है आपको आम सभा तुरन्त बुलानी चाहिए, और ज्यादा से ज्यादा लोगो को यह सूचना पहुचानी चाहिये।
श्री राजेन्द्र प्रसाद जैन, अध्यक्ष जयपुर शाखा– महामंत्री का एक पत्र व्हाट्सएप्प पर मुझे प्राप्त हुआ, जिसमें विधान की धारा 18 (1) का हवाला देकर अध्यक्ष द्वारा बुलायी गयी बैठक को अवैधानिक बताया गया, जो कि सरासर गलत है। इस धारा में यह स्पष्ट है कि अध्यक्ष की सहमति से ही महामंत्री बैठक बुला सकते है। महामंत्री द्वारा जो भी बैठक बिना अध्यक्ष की सहमति से बुलाई जाती है, वह अवैधानिक है। श्री पल्लीवाल जैन पत्रिका के सम्पादक मण्डल द्वारा जयपुर शाखा की न्यूज को कांट-छांट कर प्रकाशित किया जाता है। यहाँ तक दुर्भावनावश कुछ लोगों के नाम भी हटा दिए जाते है। पत्रिका सम्पादक मण्डल बदलने के बाद में उनके द्वारा चार्ज नहीं दिया जा रहा है। अतः उनके विरूद्ध कार्यवाही की जानी चाहिए । पत्रिका सम्पादक मण्डल द्वारा पूर्व में जयपुर शाखा की जमीन का विवादस्पद लेख छाप कर जयपुर शाखा एवं श्री पारस चन्द जैन पूर्व मंत्री जयपुर शाखा को बदनाम करने का प्रयास किया गया। जब इनका उद्देश्य सफल नही होता तो बार-बार दूसरे पक्ष द्वारा इनको बदनाम करने का प्रयास शुरू हो जाता है। जबकि इस कार्य में हमारे द्वारा बार-बार बता दिया गया कि इस कार्य में पूरी तरह से पारदर्शिता बरती गई है और अब फिर से पहले की तरह इस मुद्दे को छेडकर अपना और जयपुर शाखा का समय बरबाद करने में लगे है जमीन के सम्बन्ध में हमारे द्वारा दिये गये पत्र पत्रिका में प्रकाशित नही किये गये। इस पर कठोर कार्यवाही कर इस मुद्दे को समाप्त किया जाना चाहिए।
श्री पारस चन्द जैन, पूर्व मंत्री जयपुर शाखा • जयपुर शाखा के लिए योजनाबद्ध तरीके से पूर्ण पारदर्शिता से जमीन ली गई थी, उस समय मैं जयपुर शाखा का मंत्री था। पूर्व महामंत्री द्वारा पत्रिका मंडल की गलती को छुपाने के लिए जबरदस्ती जमीन का मुद्दा छेड दिया, इस संबंध में महासभा कार्यकारिणी द्वारा समाज के बाहर के लोगों से जाँच करवाई जब कुछ नही मिला तो समाज के लोगों की समिति बनाकर जांच की गई. कहीं भी किसी का कोई दोष नहीं था। जयपुर शाखा को 4000 वर्गगज जमीन निःशुल्क प्राप्त हुई है। फिर भी मुझे बदनाम कर रहे है, बिना कारण ही बार-बार इस मुद्दे को उठा रहे है। पूरा की पूरा मामला झुठा एवं मनगढ़ंत है सम्पादक मण्डल की एक गलती को छुपाने के लिए इन्हे बार-बार झूठ बोलना पड़ रहा है, और समाज को भ्रमित किया जा रहा है जमीन के बारे में जिन्होने झूठे बयान दिये थे, उनका स्वयं का कोई योगदान नही रहा, और ना ही इनमें से किसी ने प्लाट लिया, और किसी को नुकसान पहुचें इससे इनको कोई फर्क नही पड़ता, सिर्फ समय खराब किया जा रहा है, अब मेरे द्वारा अध्यक्ष महोदय को सभी दस्तावेज एवं कार्यवाही विवरण दे दिया गया है, अब अध्यक्ष महोदय पूरे मामले को इस चर्चा के बाद समझ गये होगें, स्वयं ही इसका निष्कर्ष निकालेगें, यह प्रकरण आज ही समाप्त होना चाहिए। महामंत्री जी द्वारा पुनः महासभा के मंच पर इस मुद्दे को छेड़ने का मतलब आप सब इनकी मंशा समझ रहें होगें, जबकि मैं आपको बताना चाहुंगा की महामंत्री जी स्वयं इस कार्य में डिफाल्टर है। प्लाट बुक कराने के बाद बिल्डर को ढाई साल तक बकाया भुगतान नहीं किया गया था।
श्री भाग चन्द जैन, अर्थमंत्री-पत्रिका द्वारा एक तरफा कार्यवाही की जा रहीं है। महासभा का खाता संख्या पत्रिका में प्रकाशित नहीं किया जा रहा है जिससे लोगों को विधवा सहायता देने में कठिनाई हो रही है। पत्रिका के खाते में विधवा सहायता की राशि जमा करवाकर पत्रिका की रसीद दी जा रही है। मेरे द्वारा एक सूची विधवा सहायता एवं महासभा को आर्थिक सहायता के दान दाताओं की सूची पत्रिका संयोजक एवं सम्पादक को भिजवाई गई, जिसका प्रकाशन भी पत्रिका में नहीं किया गया। अब यदि भविष्य में महामंत्री द्वारा बिना अध्यक्ष महोदय की सहमति से बैठक बुलाई जाती है, तो हम सब को वहाँ दल-बल के साथ जाना चाहिए तथा पूरी कार्यकारिणी के समक्ष अपनी बात रखनी चाहिए।
श्री वी० के० जैन पूर्व अध्यक्ष अलवर- शाखा जयपुर में शाखा द्वारा जो जमीन ली गई है, बहुत ही प्रशसंनीय कार्य है वहाँ कार्यालय बनाना चाहिए। विधान में काफी कमियां है। अतः विधान में संशोधन होना चाहिए।
श्री मनोज जैन, जयपुर- जयपुर महिला मण्डल का खाता बन्द पडा है, के0वाई0सी0 नहीं हो पा रही हैं। इस संबंध में महामंत्री से भी सम्पर्क किया गया, लेकिन उनके द्वारा कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है महासभा के पदाधिकारियों के नाम रजिस्ट्रार संस्था में अपडेट नहीं है। अतः यह अपडेट करवाये जावे, ताकि महिला मण्डल का खाता शुरू हो सके।
श्रीमती जयन्ती जैन, आगरा मैं महामंत्री से आग्रह करती हूँ कि महासभा में चल रहे विवाद को तुरन्त समाप्त करें, तथा सब मिल कर कार्य करे।
अध्यक्ष महोदय द्वारा अवगत कराया कि एक पत्र अलवर शाखा के निर्वाचित 9 सदस्यों का एक पत्र मेरे पास आया, जिसके क्रम में मैने अलवर शाखा के अध्यक्ष एवं मंत्री को पत्र लिखा तथा विधान के अनुसार कार्यवाही करने का आग्रह किया। मैनें इन सदस्यों को कोर्ट केस के लिए मना किया, लेकिन यह न्याय के लिए कोई भी कोर्ट में गए। मुझे कोर्ट से नोटिस प्राप्त हुआ, जिसका उत्तर मैनें कोर्ट में दे दिया।
इसी तरह अध्यक्ष महोदय ने कार्यकारिणी सदस्य विनोद कुमार जी दिल्ली का दिया गया पत्र और उनका जवाब पढ़कर सुनाया, उस जवाब में विनोद जी द्वारा स्पष्ट झूठ बोला गया था कि मेरे द्वारा कार्यकारिणी की सहमति से अध्यक्षता की गई जबकि अध्यक्ष महोदय के द्वारा स्पष्ट रूप से पत्र लिख कर मना कर दिया गया था, जयपुर की दिनांक 12 मई 2024 की मिटिंग अवैधानिक है जबकि विनोद कुमार जी ने अध्यक्ष द्वारा हर मिटिंग को अवैधानिक बताने का पत्र जारी किया, और आज महुआ मिटिंग के लिए मैने पत्र देकर उनको आमंत्रित किया, लेकिन आज भी उपस्थित नही हुये।
इस पर उपस्थित लोगो ने इस झूठ के लिए सबसे पहले निष्कासन इनका ही किया जाना चाहिए क्योकि जानबूझकर ये इस विवाद का बढ़ावा दे रहे है, तथा स्वयं अध्यक्ष बनना चाह रहे है, सदन द्वारा सर्वसम्मति से छः साल के लिए इनकी सदस्यता का निलंबन का प्रस्ताव को पारित किया गया।
जमीन के मामले में विस्तृत रूप से मेरे द्वारा जाँच कर ली गई है और सदन में भी चर्चा हो गई है जमीन का मामला कुछ भी नही है एक गलती को छुपाने के लिए मामले को बढाते गये, आज इस मामले को यही समाप्त किया जाना उचित है, सर्वसम्मति से इसको इस प्रस्ताव को पारित किया गया है कि आज के बाद महासभा में जयपुर शाखा जमीन का मुद्दा नही उठाया जायेगा क्योंकि पहले ही बहुत समय खराब हो गया है जब जयपुर शाखा को कोई आपत्ति नही है, तो यहाँ उठाने का कोई औचित्य नही है। इसकी रिपोर्ट जयपुर शाखा को भेज दी जायेगी।
सदन की सर्व सम्मति से पूर्व महामंत्री श्री राजीव रतन जैन, इन्दौर, पूर्व पत्रिका संयोजक श्री चन्द्रशेखर जैन, जयपुर, पूर्व पत्रिका सम्पादक श्री प्रकाश चन्द जैन जयपुर, श्री पारस जैन गहनोली पूर्व सह सम्पादक, श्री महेश चन्द जैन पूर्व अर्थ संयोजक एवं विनोद कुमार जैन दिल्ली कार्यकारिणी सदस्य को महासभा की प्राथमिक सदस्यता से छः वर्ष के लिए निष्कासत करने का प्रस्ताव सर्वसम्मति से पारित किया गया और सर्वसम्मति से यह भी निर्णय लिया गया कि सम्बंधित शाखाओं को भी निर्देशित किया जावें, कि आवश्यक कार्यवाही अमल में लायें।
इसी तरह अलवर के मामले में सर्वसम्मति से अलवर शाखा अध्यक्ष द्वारा की गई अवैधानिक कार्यवाही के लिए उन्हे सख्त निर्देश दियें जावें कि शीघ्र ही शाखा अध्यक्ष द्वारा मनमाने तरीके से जो कमेटी गठित की गयी है उसे निरस्त कर, पुनः निर्वाचित सदस्यों की मीटिंग बुलाकर पुनः पदाधिकारियों का चयन कर कमेटी का गठन किया जायें।
प्रतिनिधि सम्मेलन के लिए स्थान एवं दिनांक तय करने हेतु अध्यक्ष एवं अर्थमंत्री को अधिकृत किया गया। निकट भविष्य में स्थान एवं तिथि तय कर आयोजन किया जावेगा।
अंत में अध्यक्ष महोदय द्वारा सभी पधारे हुए कार्यकारिणी सदस्य / विशेष आमंत्रित सदस्य / शाखा अध्यक्ष एवं मंत्री तथा महवा शाखा एवं श्री महावीर प्रसाद जैन महवा कार्यकारिणी सदस्य का धन्यवाद ज्ञापित करते हुए बैठक समाप्ति की घोषणा कर दी गई।
त्रिलोक चन्द जैन
अध्यक्ष
अ. भा. पल्लीवाल जैन महासभा