श्री पल्लीवाल जैन डिजिटल पत्रिका

अखिल भारतीय पल्लीवाल जैन महासभा

(पल्लीवाल, जैसवाल, सैलवाल सम्बंधित जैन समाज)

अध्यक्षीय..

सादर जय जिनेन्द्र |

अखिल भारतीय पल्लीवाल जैन महासभा के चुनाव हुए लगभग दो वर्ष का समय व्यतीत हो गया है। आप सभी जानते है कि इन दो वर्षों में महासभा के समाजहित के सभी कार्य ठप्प हो गये है। इन दो वर्षों में महासभा निरन्तर पतन की ओर अग्रेसर है। मुझे बड़ा दुख है कि चुनाव जीतने के बाद हम समाजहित के कार्य नहीं कर पा रहे हैं। पूर्व महामंत्री श्री महेश जी एवं उनके कुछ साथीगण लोगों की हठधर्मिता ने पूरी महासभा को गर्त में धकेलने का मन बना रखा हैं।
बन्धुओं, मेरा मन बहुत ही व्यथित है। जिस उत्साह, उमंग से मैं चुनाव लड़ा, समाज ने मुझे जिन उम्मीदों से चुना, चुनाव जीतने के बाद समाज को आगे ले जाने, समाजहित के कार्य करने के लिए मैं अत्यन्त उत्साहित था । उन उम्मीदों को पूरा करने की मैं भरपूर कोशिश कर रहा हूं। किन्तु पूर्व महामंत्री श्री महेश जी ने जिस प्रकार प्रारम्भ से ही नकारात्मक लोगों के साथ मिल कर चक्रव्यूह रचना प्रारम्भ किया जो आज तक निरन्तर चालू है उसके कारण मुझे समाजहित के कार्य करने में बहुत ज्यादा दिकक्तों का सामाना करना पड़ रहा है। श्री महेश जी द्वारा जिस प्रकार प्रथम मीटिंग से ही ग्रुप बनाकर महासभा के अध्यक्ष और अर्थमंत्री के पद की गरिमा को खत्म करना चाहते है वो महासभा के इतिहास में पहले कभी नहीं हुआ।
बन्धुओं, मेरे द्वारा इस नकारात्मकता को खत्म करने हेतु बहुत प्रयास किये गये । आपसी सौहार्द का वातावरण बनाने और महासभा के गतिरोध को खत्म करने के लिए अनेकों बार श्री महेश जी से बात की गई। इसके लिए मैं और अर्थमंत्री श्री भागचन्द जी महेश जी के घर भी गये और पूरे दिन एक साथ रहकर श्री महेश जी से गतिरोध दूर करने का अनुरोध किया लेकिन महेश जी टस से मस होने के लिए तैयार ही नहीं हुए । इतना ही नहीं इस गतिरोध को दूर करने के लिए समाज के वरिष्ठ व्यक्तियों की एक सदभावना कमेटी बनायी गयी। उसे भी श्री महेश जी ने स्वीकार नहीं किया। इसके बाद अलवर सम्मेलन आयोजित किया गया लेकिन मुझे बड़ा दुख है कि श्री महेश जी इतने बड़े सम्मेलन में, जिसमें देश के कोने-कोने से प्रतिनिधि पधारे उसमें भी नहीं आये । बल्कि सम्मेलन में लोगों को रोकने का प्रयास और किया। तब पधारे हुए महासभा के प्रतिनिधियों द्वारा गतिरोध को दूर करने के लिए कठोर निर्णय लेना पड़ा । जिसमें महेश जी को महामंत्री पद से हटाया गया।
इसके बावजूद भी ये जनाधार को नकार रहे है। निश्चित रूप से श्री महेश जी की गतिरोध दूर करने की कभी कोई मंशा ही नहीं थी। मुझे कभी भी ऐसा नहीं लगा कि श्री महेश जी समाजहित के कार्य करने में कोई रूचि ले रहे हैं। ये हमेशा मेरे और अर्थमंत्री के वर्चस्व को खत्म करने में ही लगे रहे और आज भी वहीं कार्य कर रहे हैं, समाज के द्वारा महामंत्री के पद से हटाने के बाद भी चक्रव्यूह रच कर समाज हित के कार्यों में पहले की तरह रूकावट पैदा कर रहे है।
बन्धुओं आप सभी ने मुझे जिन उम्मीदों के साथ महासभा में भेजा है, मैं उन्हें पूरा करना चाहता हूं। इसके लिए यदि मुझे कुछ कठोर निर्णय भी लेने पड़ रहे है । समाजहित के कार्यों में मैं कभी पीछे नहीं हटुंगा । जिस प्रकार श्री महेश जी द्वारा बार-बार महिला सहायता में अड़चन पैदा की जा रही है उससे दुखी होकर मजबूरन मुझे पहली बार माननीय न्यायालय की शरण में जाना पड़ा। माननीय न्यायालय द्वारा आदेश पारीत कर सम्बन्धित थाने को इनके द्वारा समाज से की गई धोखाधड़ी के लिए एफ.आई.आर. दर्ज करने हेतु आदेशित किया गया। इनके खिलाफ माननीय न्यायालय के आदेश से एफ.आई. आर. दर्ज हो चुकी है। कानून जल्द ही इनको इनके किये की सजा निश्चित रूप से देगा। बन्धुओं जिस तरह पूर्व महामंत्री श्री महेश जी एवं सम्पादक मंण्डल के पूर्व संयोजक श्री चन्द्र शेखर जी, पूर्व सम्पादक श्री प्रकाश चन्द जी, पूर्व सह-सम्पादक पारस चन्द गहनोली और महेश चन्द जैन ने श्री पल्लीवाल जैन पत्रिका पर कब्जा किया हुआ है। और उस पत्रिका का दुरूपयोग कर उसके जरिये समाज में नकारात्मकता फैला रखी है। बिना किसी साक्ष्यों के आरोप प्रत्यारोप लगा रहे है, महासभा के विधान की अवहेलना कर मन माने निर्णय लेकर पत्रिका में प्रकाशित कर समाज में भ्रम फैला रहे है। उस पर भी कड़ी कार्यवाही की जा रही है। जल्द ही आपके समक्ष होगी ।
बन्धुओं मैं आप सभी को विश्वास दिलाता हूं कि अब समाजहित के कार्यों में जोभी रूकावट / अड़चन पैदा की जायेगी, उसके विरूद्ध महासभा विधान के तहत कठोर कार्यवाही करते हुए समाजहित के कार्यों को महासभा अब रूकने नही देगी। महासभा द्वारा जल्द ही नया बैंक खाता खुलवाया जा रहा है। उसके बाद महिला सहायता नियमित रूप से जारी की जायेगी। महासभा के 01 दिसम्बर, 2024, रविवार को आगरा शाखा में राष्ट्रीय कार्यकारिणी की मीटिंग आयोजित की गई है। मैं महासभा के सभी पदाधिकारियों, कार्यकारिणी सदस्यों शाखाओं के अध्यक्ष एवं मंत्रियों, विशेष अथितियों, समाज के वरिष्ठजनों, समाज के श्रेष्ठियों से आह्वान करता हूं कि इस मीटिंग में पधारे और समाजहित के कार्यों हेतु अपने अनमोल सुझावों के साथ-साथ इन कार्यों में अपनी भागीदारी भी निभाये ।
संलग्न : माननीय न्यायालय मुख्य महानगर मजिस्ट्रेट जयपुर-प्रथम द्वारा पारित आदेश के एफआईआर की प्रति सम्पूर्ण समाज के अवलोकन हेतु संलग्न है ।

आपका अपना
त्रिलोकचन्द जैन 
राष्ट्रीय अध्यक्ष


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