श्री पल्लीवाल जैन डिजिटल पत्रिका के जनवरी माह २०२५ के अंक में मेरे द्वारा जनवरी १९१६ से दिसंबर १९१६ में प्रारंभ की गई पल्लीवाल जाति की जनगणना का उल्लेख किया गया था। यह जनगणना श्री गोपीचंद जी निवासी पैचीं के आर्थिक सहयोग से बरारा निवासी लाला श्री बंशीधर जी द्वारा गांव गांव जाकर कड़ी मेहनत और लगन से जनगणना का यह कार्य किया गया था। लाला श्री बंशीधर जी का स्वर्गवास हो जाने व पूरे देश में श्वेलेषा ज्वर के फैल जाने से १९१८ में जनगणना का कार्य शिथिल पड़ गया। सन् १९१९ मे अलीगढ़ निवासी लाला श्री सुरजकरण जी द्वारा जनगणना का कार्य पूरा किया गया।
इस जनगणना का प्रकाशन सन् १९२० में किया गया।
नीचे दी जा रही सारणी में उस समय की जनगणना का वर्णन दिया जा रहा है।
श्रीचन्द जैन
पूर्व राष्ट्रीय महामंत्री महासभा