हे दूरदर्शी तत्व के ज्ञाता-
सांसारिक प्रत्येक जीव में प्रकाश है वायुमण्डल अथवा प्राकृतिक में भी प्रकाश है। सूर्य अपनी प्रकाश की किरणों को फैलाकर संसार को रोशन करता है। देखिये, निहारिये चन्द्रमा के शीतल प्रकाश को जो अपनी शीतलता से संसार को जगमगाता है। इतना ही नही बादलों की गड़गड़ाहट, वह भी अपने प्रकाश के बल पर ही पृथ्वी को तरबतर कर सुंगधित करता है । पृथ्वी प्रत्येक जीव के पोषण का भार सहन कर मुस्कराती है ।
प्रकाश क्या है शक्ति है, आत्मा भी प्रकाश है, ज्योति है, जोत्सना है, इसी से जीव स्वयं अपनी अपनी क्रिया में है । यह प्राकृतिक शक्ति है, आपने सुना हो अथाह करोडों वर्षो पहले पत्थर से पत्थर को आपस में रगड कर अग्नि जैसा प्रकाश चमक हुआ।
हे सुनहरी पलो को धारी – जीव से प्रकाश गायब, जीव सैदव के लिए विश्राम अर्थात मृत्यु । प्रकाश वह शक्ति है जो मन के आंगन को भी साफ रखता है। आदमी की पहचान सुन्दर चेहरा-वेशभूषा–हाव-भाव, वंश आदि से नहीं की जाती, बल्कि आचार विचार, व्यवहार विवेक से की जाती है। जिस जीव में जितनी तेज प्रकाश की किरणे चमकेगी, उतना ही जीवन उच्च होगा। जीव को प्रकाश की गति को सभालना विवेक के जग मगाते प्रकाश से चरित्र, हद्वय, चित आदि को मॉझ कर पारदर्शी करके उज्जवल कर देता है ।
हे प्रेरणात्मक भव्यः- आकाश का प्रकाश आपको प्रेरित कर रहा है। हे वत्स ऊपर की ओर उठो, अपने जीवन के प्रकाश को सूर्य के किरणों की तरह चहुँमुखी फैलाकर संसार को प्रकाशित करो। आपकी अमृत वाणी की रस की बूदें प्रत्येक जीव को सरस करेगी, आपके जीवन इन्द्रधनुष की किरणें बिखेरेगा तो उसमें विविध धर्म – संस्कृति – संस्कार, करूणा – चेतना, मुस्काराहट, दान, सप्त रंग स्फटित होगे। धर्म रास्ता दिखाता है प्रकाश इस रास्ते पर चलकर मोह तिमिर का नाश करता है तथा जागृति पैदा कर ऊँचे आसन पर सफेद चादर पर बैठा देता है। त्याग ही जीवन को उछालता है। त्याग ही धन का, दान का विश्लेषण है दान चार प्रकार का होता है।
हे तत्व ज्ञानी- चारो ही दान प्रकाश वान है । जीवन का सर्वेश्रेष्ठ प्रकाशवान गुण है क्षमा, क्षमा स्वंय के लिए भी और दूसरे के लिये भी जीवन को सुंगधित करता है। क्षमा के पौधो में सुख शान्ति के पुष्प खिलते है | आप जानते होगें क्षमा के पौधे सत्य के बगीचे में ही उत्पन्न होते है तथा सत्य रूपी नदी के जल से सीधें जाते हैं ।
हे श्रावक अहौ सत्य – प्रत्येक रोम रोम में सत्य का प्रकाश चमक रहा है दमक रहा है, प्रकाशित कर रहा है, जीवन के दर्पण को । बस जीवन का प्रकाश दमकता रहे, चमकता रहे, सदैव – सदैव के लिए प्रकाशवान जीवन में तप-त्याग-संयम शान्ति की बेलें उपजती, अमरबेल की तरह। आपके घर खुशियों का ए. टी. एम मुस्कारते रहे इस पर कोई टैक्स नही है।
छगन लाल जैन
रि. अध्यापक
हरसाना वाले अलवर