घुटने का दर्द एक आम समस्या है जो किसी भी उम्र के व्यक्ति को प्रभावित कर सकती है। यह दर्द हल्का हो सकता है या गंभीर भी हो सकता है, जो व्यक्ति की दैनिक गतिविधियों में रुकावट डाल सकता है। घुटने में दर्द के कई कारण हो सकते हैं और यह समय के साथ बढ़ सकता है यदि उचित उपचार न किया जाए। इस लेख में हम घुटने के दर्द के कारण, लक्षण और प्रबंधन के बारे में विस्तार से जानेंगे।
घुटने में दर्द के कारण
रूमेटॉइड आर्थराइटिस (Rheumatoid arthritis): यह एक ऑटोइम्यून विकार है जिसमें शरीर अपनी स्वस्थ कोशिकाओं पर हमला करता है और सूजन व दर्द पैदा करता है।
घुटने की चोट (Knee Injury): खेलकूद, भारी सामान उठाने, या गिरने की वजह से घुटने में चोट लग सकती है। इस तरह की चोटों में लिगामेंट्स (जैसे ACL या PCL) या कार्टिलेज (मेनिस्कस) में फटी हुई संरचनाएं शामिल हो सकती हैं।
ऑस्ट्रोआर्थराइटिस(Osteoarthritis): घुटने का जोड़ा उम्र के साथ खराब हो सकता है। जब कार्टिलेज खत्म हो जाता है, तो हड्डियां आपस में रगड़ने लगती हैं और दर्द उत्पन्न होता है। यह आमतौर पर वृद्ध व्यक्तियों में अधिक होता है।
रगड़ या घर्षण (Tendinitis): घुटने के आसपास के टेंडन में सूजन होने पर दर्द होता है। यह अक्सर उन लोगों में देखा जाता है जो लगातार व्यायाम करते हैं या किसी भारी शारीरिक श्रम में लगे रहते हैं।
बर्साइटिस (Bursitis): घुटने में बर्सा नामक तरल से भरी थैली होती है, जो घुटने की हड्डियों के बीच घर्षण को कम करने का काम करती है। अगर यह थैली सूज जाती है, तो उसे बर्साइटिस कहते हैं, जिससे दर्द होता है।
गाउट (Gout): यह एक प्रकार का गठिया है जो जोड़ों में यूरिक एसिड के जमा होने से उत्पन्न होता है। गाउट घुटने जैसे जोड़ों में तेज दर्द का कारण बन सकता है l
नॉन सर्जिकल ट्रीटमेंट
यह इलाज इस बात पर निर्भर करता है कि आपके घुटनों के दर्द का कारण क्या है और समस्या किस स्तर पर है। अगर घुटनों के दर्द और क्षतिग्रस्त होने की समस्या पहले और दूसरे दौर में है, तो सर्जरी से बचा जा सकता है। तीसरे दौर में सर्जरी में देरी कर सकते हैं, और दूसरे विकल्पों से इलाज करने का प्रयास किया जाता है, लेकिन चौथे दौर में सर्जरी ही केवल एकमात्र विकल्प बचती है।
जीवनशैली में परिवर्तन: सबसे पहला इलाज यह है कि अपनी जीवनशैली में परिवर्तन लाएं। संतुलित और पोषक भोजन का सेवन करें, अपना वजन कम करें, नियमित रूप से एक्सरसाइज और योग करें। पूरी नींद लें और तनाव से बचने के लिए ध्यान करें
फिजियोथेरेपी: कई प्रकार की अर्थराइटिस में फिजियोथेरेपी बहुत कारगर होती है। इससे अंगों की कार्यप्रणाली सुधरती है और जोड़ों के आसपास की मांसपेशियां सशक्त होती हैं। अगर अर्थराइटिस शुरुआती दौर में है तो उसे फिजियोथेरेपी और जीवनशैली में परिवर्तन लाकर नियंत्रित किया जा सकता है।
दवाएं: आपका डॉक्टर आपको दवाएं दे सकता है ताकि दर्द में आराम मिले और घुटनों की समस्याओं जैसे ऑस्टियोअर्थराइटिस, र्यूमैटॉइड अर्थराइटिस और गठिया को ठीक किया जा सके।
इंजेक्शन
अनेक मामलों में घुटनों के दर्द को ठीक करने के लिए घुटनों में दवाएं या दूसरे पदार्थ इंजेक्शन के जरिए पहुंचाए जाते हैं। इसमें सम्मिलित हैं-
कॉर्टिकोस्टेरॉइड्स: जब घुटनों में बहुत तेज दर्द हो और सूजन भी हो, तो स्टेरॉइड के इंजेक्शंस लगाए जा सकते हैं। घुटनों के जोड़ों में कॉर्टिकोस्टेरॉइड्स के इंजेक्शन लगाने से अर्थराइटिस के लक्षणों को कम करने में सहायता मिलती है और कुछ महीनों तक घुटनों के दर्द से आराम मिलता है, लेकिन ऐसे इंजेक्शन सभी मामलों में प्रभावी नहीं हैं।
हाईलुरोनिक एसिड: यह एक गाढ़ा फ्लूड या तरल होता है। यह ल्युब्रिकेंट प्राकृतिक फ्लूड के समान होता है जो जोड़ों को प्राकृतिक तरीके से ल्युब्रिकेट करते हैं। हाईलुरोनिक एसिड के इंजेक्शन लेने से घुटनों के मूवमेंट में सुधार आता है और दर्द से राहत मिलती है। यह इलाज कितना प्रभावी रहेगा, यह इस पर निर्भर करता है कि समस्या कितनी गंभीर है। एक बार इसके इंजेक्शंस लेने से लगभग छह महीने तक आराम मिलता है। हाईलुरोनिक एसिड, अर्थराइटिस को गंभीर होने से रोकता है, घुटनों के कार्टिलेज की लेयर की सुरक्षा करता है और घुटनों के अंदर जो फ्लूड होता है उसकी डेंसिटी बढ़ाता है।
कब जरूरी है सर्जरी
कोई भी आर्थोपेडिक सर्जन आपके घुटनों के मूवमेंट और स्ट्रेंथ के आधार पर ही यह निर्धारित करता है कि आपको नी-रिप्लेसमेंट सर्जरी की जरूरत है या नहीं। घुटनों को पहुंची क्षति को जानने के लिए एक्स-रे, सीटी स्कैन, एमआरआई की मदद भी ली जाती है। कोई भी निर्णय लेने से पहले डॉक्टर से सभी विकल्पों पर चर्चा करें। अगर समस्या गंभीर नहीं है तो नॉन सर्जिकल उपचारों से आराम मिल सकता है, लेकिन अगर आपके घुटनों में बहुत तकलीफ है, जिसे सर्जरी के बगैर ठीक नहीं किया जा सकता है तो आप आर्थोस्कोपिक सर्जरी, आंशिक घुटना प्रत्यारोपण सर्जरी (पार्शियल नी रिप्लेसमेंट सर्जरी), पूर्ण घुटना प्रत्यारोपण सर्जरी का विकल्प चुन सकते हैं।
Dr Chirag Jain
Consultant Joint replacement, Arthroscopy and Trauma surgeon
Sparsh Hospital Jaipur
अच्छा एवं मार्गदर्शी लेख