अखिल भारतीय पल्लीवाल जैन महासभा की साधारण सभा का अधिवेशन दिनांक 25 अगस्त, 2024 को श्री आदिनाथ जैन शिक्षण संस्थान, अलवर में राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री त्रिलोक चन्द जैन की अध्यक्षता में आयोजित किया गया ।
सर्वप्रथम मगन चन्द जी जैन द्वारा कार्यक्रम के शुभारम्भ के लिए ध्वजारोहणकर्ता श्री राजेश जैन, श्री रविन्द्र जैन (हेमा भाई), श्री विवेक जैन, समस्त परिवार आगरा को आमंत्रित कर ध्वजारोहण मंगल कार्य करवाया। श्री आदिनाथ भगवान के चित्र पर श्री त्रिलोक जैन, श्री हिमांशु जैन, निशांत जैन भरतपुर वालो ने माल्यार्पण किया। दीप प्रज्ज्वलन श्रीमान राजेन्द्र जैन, विनीत जैन, सुमित जैन (शेरपुर वाले) जयपुर द्वारा किया। इसके उपरान्त मंगलाचरण एवं स्वागत गीत आदिनाथ शिक्षण संस्था की बालिकाओं के द्वारा किया गया। तत्पश्चात् बारी बारी से समारोह के अतिविशिष्ठ अतिथिगण श्री अंकुर जैन (आईआरएस) जिनका स्वागत एवं सम्मान किया गया तत्पश्चात् अधिवेशन में प्रथम दिवस की अल्पाहार के लाभार्थी श्री प्रेमचन्द जैन पदम चन्द जैन (हिण्डौन ), दोपहर के स्वामीवात्सल्य के लाभार्थी श्री जगदीश चन्द पदम चन्द जैन (गढ़ी सवाईराम), सांयकालीन स्वामीवात्सल्य के लाभार्थी श्री रमेश चन्द पंकज जैन ( दिल्ली जैन पब्लिक स्कूल) पालम व द्वितीय दिवस की नवकारशी के लाभार्थी श्री अजित जैन भुवनेश जैन राजेश जैन ( बड़ौदाकान) जयपुर, दोपहर के स्वामीवात्सल्य के लाभार्थी श्री छगन लाल अशोक कुमार जैन (हरसाना वाले) अलवर एवं सांयकालीन स्वामीवात्सल्य के लाभार्थी श्री राजेन्द्र कुमार सुनील कुमार जैन ( सांथा वाले ) महुवा आदि सभी को मंचासीन कर स्वागत सम्मान किया गया। इसी श्रृंखला में मेघावी बच्चों के पुरूस्कार के लाभार्थी श्री अशोक जैन नितिन जैन (मौजपुर वाले) जयपुर, भामाशाह सम्मान समारोह के लाभार्थी श्री नवीन जैन गगन जैन बयाना, व्यवस्थापक सम्मान समारोह के लाभार्थी श्री मनीष जैन अमित जैन ज्ञानदीप पब्लिक स्कूल, अलवर आवास व्यवस्था के लाभार्थी श्री महावीर प्रसाद जैन अरिहन्त जैन अजित जैन अरविन्द जैन, महुवा व आदिनाथ शिक्षण संस्थान के अध्यक्ष श्री अशोक कुमार जैन ( अगोनिज) का स्वागत सम्मान किया गया।
इस अधिवेशन के समारोह में पधारें हुये विशिष्ठ अतिथि जयपुर से श्री राजेन्द्र प्रसाद जैन (मुक्तानन्द नगर), श्री अनिल कुमार पुत्र स्व. श्री पदम चन्द जैन (वैशाली नगर ) श्री पारस चन्द जैन अमन कुमार जैन ( खेडली वाले), श्री शिखर चन्द जैन अशोक जैन (ढाकपुरी वाले), श्री राजेन्द्र कुमार आशिष जैन (लक्ष्मणगढ़ वाले) एवं अलवर से सम्मिलित हुए विशिष्ठ अतिथि श्री वी. के. जैन पूर्व शाखा अध्यक्ष श्री प्रकाश चन्द जैन (परवैणी वाले), श्री राकेश जैन अंकुर जैन ( अलावड़ा वाले), श्री प्रकाश चन्द जैन सौरभ जैन अध्यक्ष श्री जैन श्वेताम्बर पल्लीवाल जैन मन्दिर, श्री प्रमोद कुमार जैन सौरभ जैन (अलीपुर वाले), श्री विमल जैन संजय जैन विदर्भ जैन ( बरवाडा वाले), श्री मुकेश जैन सौरभ जैन ( राधिका बैग), मुंशी बाजार आदि सभी का मंचासीन करते हुए स्वागत एवं सम्मान किया गया।
श्री मगन चन्द जैन ने साधारण सभा के अधिवेशन का संचालन करते हुए उद्घोषित किया कि महासभा द्वारा एक डिजिटल पत्रिका तैयार की गई है, जिसमें समस्त समाचार एवं विवाह योग्य युवक-युवतियों का बायोडाटा फोटो सहित प्रकाशित किये गये, इसका विमोचन भी अभी किया जायेगा। इस हेतु उनके द्वारा श्री राजेन्द्र कमार जैन पत्रिका संयोजक श्री संजय जैन सह-सम्पादक को आमंत्रित किया गया।
श्री राजेन्द्र कुमार जैन जयपुर (संयोजक) द्वारा बताया गया कि वर्तमान में चल रही श्री पल्लीवाल जैन पत्रिका के प्रकाशन समिति को कार्यकारिणी द्वारा हटाकर नई प्रकाशन समिति का गठन किया गया, जिसमें संयोजक श्री राजेन्द्र कुमार जैन जयपुर, सम्पादक श्री रमेश चन्द जी पल्लीवाल जयपुर, सह-सम्पादक श्री संजय जैन जयपुर, अर्थव्यस्थापक श्री अजय जैन जयपुर को मनोनित किया गया। पूर्व प्रकाशन समिति द्वारा अपनी मनमानी करने एवं पत्रिका में एक तरफा लेखादि प्रकाशन करने तथा नई प्रबन्ध समिति को कार्यभार नहीं देने के कारण हमारे द्वारा एक डिजिटल पत्रिका तैयार की गई है जो कि प्रत्येक माह प्रकाशित की जायेगी, palliwal.com पर मोबाईल / लेपटॉप / डेस्कटॉप पर डिजिटल पत्रिका खोली जा सकती है। इस पत्रिका के विमोचन हेतु श्री राजेन्द्र कुमार जैन द्वारा महासभा के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री शिखर चन्द शिंघई आगरा, अध्यक्ष श्री त्रिलोक चन्द जी जैन, अर्थमंत्री श्री भागचन्द जी जैन को आमंत्रित किया, इनके द्वारा बटन दबा कर डिजिटल पत्रिका का विमोचन किया गया। इसके उपरान्त विवाह योग्य व्यक्तियों ने अपना परिचय दिया। परिचय के साथ-साथ बडी स्क्रीन पर उनका परिचय बायोडाटा के साथ दर्शाया जा रहा था ।
अध्यक्ष महोदय द्वारा साधारण सभा का विधिवत प्रारम्भ करते हुए अपने उद्बोधन में कहा कि संगठन में एकता बहुत जरूरी है किन्तु वर्तमान में सभी जगह गुटबाजी दिख रही है। हम मुट्ठीभर लोग है फिर भी समाज में देश की राजनीति की तरह ही राजनीति हावी हो रही है। उन्होंने हस्तिनापुर की घटना का ध्यान दिलाते हुए बताया कि हम भाषणों में तो एक होने की बात करते है परन्तु वास्तविकता में एक नहीं है। महासभा में वर्तमान में गतिरोध चल रहा है। महामंत्री जी मुझे अध्यक्ष मानने को तैयार नहीं है मेरी बिना सहमति के मीटिंग आदि आयोजित करते है तथा मेरे द्वारा आयोजित मीटिंग को अवैधानिक बताते हुए व्यक्तिगत कार्यक्रम बताते है। आज के इस साधारण सभा में इतनी संख्या में लोग आये हुये है, मेरा ये व्यक्तिगत प्रोग्राम हो सकता है क्या? इस कार्यक्रम के लिए भी महामंत्री महोदय ने चार दिन पहले तक लोगों को रोकने के लिए पत्र जारी किये थे और इसी तरह पल्लीवाल पत्रिका में ना मेरा लेख छापते है ना ही मैं समाज को अपनी बात प्रसारित कर सकता हूँ यहाँ तक की इस गतिरोध को दूर करने के लिए अलवर में सदभावना कमेटी बनाई गई, जिसमें महासभा के पूर्व अध्यक्ष श्री देवकी नन्दन जी, शिखर चंद सिंघई साहब एवं शेखर चन्द जी आर.ए.एस. थें इनके अलावा 4 (चार) महासभा के पूर्व महामंत्री एवं 1 पूर्व अर्थ मंत्री और 1 राष्ट्रीय संगठन मंत्री कुल 9 लोगो की कमेटी बनाई गई. इनके कई बार बुलाने के बाद महामंत्री महेश जी उस कमेटी में भी उपस्थित नही हुये ।
अध्यक्ष महोदय ने भावुक होते हुये कहा कि यहाँ तक की आज के इस कार्यक्रम के लिए अलवर के शाखा अध्यक्ष साहब ने महासभा भवन के लिए भी मना कर दिया गया है, और मुझे पत्र दिया कि इसी तारीख को महामंत्री जी की मिटिंग है, इसका निर्णय कार्यकारिणी की मिटिंग में होगा। मैं बड़े अचरज में पड गया कि अब क्या होगा क्योकि इस कार्यक्रम की तारीख की घोषणा की जा चुकी थी, उसके बाद मैने आदिनाथ शिक्षण संस्थान के अध्यक्ष श्री अशोक अगोनिज जी से सम्पर्क किया और उन्होने एक बार में ही हाँ कर दी और कहा कि ये भवन आपका ही है, और मुझसे जो मदद होगी मैं समाज के लिए हमेशा तैयार हूँ। आज में उनको धन्यवाद देना चाहुंगा कि उनकी वजह से यह कार्यक्रम हो पाया। आज आप सभी पधारें हुये है मेरा आप सभी से अनुरोध है कि महासभा में जो गतिरोध चल रहा है इस वजह से समाज हित में मैं कुछ भी काम नहीं कर पा रहा हूँ कृपया आप सभी आज इसका फैंसला कुछ ना कुछ करके जाना उसके बाद समाज की कुरितियों के बारे में अपने विचार रखते हुये समाज सुधार के लिए रात्रि शादी नहीं करने कम से कम व्यंजन बनाने तथा समाज के बेटे बेटियों की शादी समाज में ही करने पर अपने विचार रखते हुए जोर दिया।
श्री भाग चन्द जैन, अर्थमंत्री ने अवगत कराया कि पूर्व महामंत्री श्री राजीव रतन जैन द्वारा हस्ताक्षर नहीं करने से आज तक महासभा के खातों का हस्तान्तरण नहीं हुआ है। महासभा के छह खाते है जिनमें से हमने व्यक्तिगत प्रयास कर मात्र एक खाता जो कि स्टेट बैंक ऑफ इण्डिया में है को चालू करवाया है, उसी से वर्तमान में विधवा सहायता दी जा रही है। साथ ही अर्थमंत्री द्वारा अधिक से अधिक विधवा सहायता में राशि दिये जाने हेतु दानताओं से अपील की। अर्थमंत्री द्वारा अवगत कराया कि श्री पल्लीवाल जैन पत्रिका में भी महासभा के खाते की सूचना नहीं छापी जा रही है जिसके कारण कोई व्यक्ति महासभा में ऑन लाईन राशि जमा करवाना चाहे तो वह नहीं करवा पा रहा है। हमें इन सब बातों पर आज यहां विचार करना चाहिए ।
श्री महावीर प्रसाद जैन, जौरा वरिष्ठ उपाध्यक्ष ने अपने उद्बोधन में बताया कि तीनों पदाधिकारी राजस्थान से होने के उपरान्त भी इनमें तालमेल नहीं होने से महासभा के लगभग सभी कार्य ठप्प हो गये है। अध्यक्ष जी की भावना समाज के लिए कुछ अच्छा करने की है। लेकिन महामंत्री विवेकशून्य हो गये हैं उन्हें जगाने की खूब कोशिश की लेकिन वो बिलकुल नही समझ रहे और अपनी हठधर्मिता पर अड़े हुये है। कुछ लोग महासभा को तोड़ने में लगे हुए है और महामंत्री उन्हीं के कहे अनुसार कार्य कर रहे है। कई बार समझौते की वार्ता का प्रयास किया गया तथा श्री शिखर चन्द शिंघई साहब की अध्यक्षता में सदभावना कमेटी बनायी गई उसमें महामंत्री महेश जी को भी बुलाया गया लेकिन उन्होंने इसमें कोई रूचि नहीं दिखाई। जब महामंत्री जी अपनी मनमानी कर रहे है किसी की बात को नही मान रहे है समाज से बडा अपने आप को मानते है मेरा प्रस्ताव है कि महामंत्री श्री महेश जैन को आज साधारण सभा के माध्यम से निष्कासित कर देना चाहिए ।
श्री पदम चन्द जैन, मुरैना, क्षेत्रीय संगठन मंत्री बोलते हुए कहा कि महासभा में जो गतिरोध आया है उसका मुख्य कारण महामंत्री महेश जी महासभा को अपने अनुसार चलाना चाहते है। मैं अध्यक्ष महोदय से निवेदन करूंगा कि आप आगे चलिए हम आपके साथ है।
महासभा द्वारा ऐसे कार्यक्रम होने चाहिए जिससे सम्पूर्ण समाज का जुड़ाव हो साथ ही इन्होंने विधवा सहायता हेतु राशि रुपये 12 हजार देने की घोषणा की।
श्री पवन जैन, तिजारा, जयपुर (पूर्व राष्ट्रीय संगठन मंत्री) ने मंच से बोलते हुए कहा कि सर्वप्रथम में अध्यक्ष महोदय का आभार व्यक्त करता हूं कि उन्होंने साधारण सभा के साथ-साथ युवक युवती परिचय सम्मेलन, प्रतिभाओं का सम्मान आदि भी रखे है। आज समाज के उपस्थिति ऐतिहासिक है लगभग दो हजार सामाजिक बन्धु इस पाण्डाल में विराजमान है। अध्यक्ष महोदय ने चुनाव के समय कहा था कि मैं समाज के लिए कुछ करना चाहता हूं। आज उन्होंने कर के दिखा दिया। इस कार्यक्रम को असफल करने के महामंत्री महेश जी द्वारा एवं उनके कुछ साथियों द्वारा पूर्ण प्रयास किये गये लेकिन समाज ने उनको भी ठेंगा दिखा दिया । इससे पूर्व की कार्यकारिणी द्वारा चार साल में कोई भी कार्य समाजहित का नहीं किया। सिर्फ उनके द्वारा एक व्यक्तिगत शिक्षण संस्थान हेतु प्रयास किये गये तथा उसी के लिए चन्दा इकट्ठा किया गया। महामंत्री श्री महेश जैन द्वारा महावीर जी की मीटिंग का खर्चा 90 हजार रुपये विधवा सहायता की राशि जो उनके पास आयी थी उसमें से खर्च कर दिया तथा उसका कोई हिसाब आज तक अर्थमंत्री जी को नहीं दिया मैं इसकी निन्दा करता हूं तथा साथ ही श्री महावीर प्रसाद जी जौरा द्वारा महामंत्री के निष्कासन के प्रस्ताव पर सहमति प्रदान करता हूं। श्री सुरेन्द्र जैन, घोसराना, राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि मैं कार्यकारिणी में दुबारा चुन कर आया तो बड़ा जोश था कि समाज के लिए कुछ नया करेंगे। पहली मीटिंग पदमपुरा में गये तो ऐसा लगा कि यह जैन समाज की मीटिंग ही नहीं है। महाभारत हो रही है। पूर्व महामंत्री श्री राजीव रतन द्वारा भरी मीटिंग में कहा गया कि मैं भी देखता हूं कि आप विधवा सहायता कैसे देते हो मैं खातों को ही हस्तान्तरित नहीं करूंगा और उन्होंने आज तक बैंक खाते हस्तान्तरित नहीं किये है। महासभा के चुनाव हुए डेढ वर्ष से ज्यादा का समय हो चुका है लेकिन अभी तक कोई भी सामाजिक कार्य नहीं हुआ है। मैं इस सदन के माध्यम से अपील करता हूं कि अब हमें पीछे मुड कर नहीं देखना चाहिए हमें आगे बढ़ना चाहिए चाहे इसके लिए हमें महासभा से किसी को निष्कासित ही क्यों न करना पडे ।
इसी बीच विधवा सहायता हेतु निम्न सामाजिक बन्धुओं द्वारा घोषणा की गई-
1. श्री त्रिलोक चन्द जैन, अमित कुमार जैन, ढाकपुरी रुपये 51,000/-
2. श्री भाग चन्द जैन, नौगांवा अर्थमंत्री रुपये 24,000/-
3. श्री मनोज जी जैन, महावीर नगर, जयपुर रुपये 12,000/-
4. श्री कुशल कुमार, अंकुर जैन, अलवर रुपये 12,000/-
5. श्री हरीश चन्द, प्रदीप कुमार जैन, मौजपुर वाले रुपये 12,000/-
6. श्री जगदीश जैन, पहरसल, भरतपुर रुपये 11,000/-
7. श्री विमल चन्द, संजय जैन, बरवाड़ा रुपये 21,000/-
श्री महावीर प्रसाद जैन, मथुरा ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि मैं महासभा से 1980 से जुड़ा हुआ हूं। वर्तमान में जो चल रहा है बहुत ही शर्मनाक है महामंत्री को नोटिस दिया जावे उसके बाद निष्कासित करने की कार्यवाही की जावे महामंत्री महेश जी के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्यवाही का प्रस्ताव लाया जावे। साथ ही उन्होंने वर्तमान में समाज में बढ़ रहे पंथवाद तथा तीर्थों पर हो रहे कब्जों पर भी अपने विचार रखते हुए कहा कि तीर्थों के स्थान पर स्कूल बनाये जाए।
श्री प्रकाश चन्द जी परवैणी, अलवर ने बोलते हुए कहा कि महासभा से 50 वर्षों से जुड़ा हुआ हूं । आज लोगों के विचार सुन कर लगा कि महामंत्री जी द्वारा सजृनात्मक कार्य न किये जाकर नकारात्मक राजनीति की जा रही है। विधान के अनुसार अध्यक्ष की बिना सहमति से कोई कार्यक्रम / मीटिंग की जाती है तो वह सही नहीं है। अध्यक्ष की सहमति जरूरी है। पूर्व अध्यक्ष / महामंत्री की एक सामुहिक बैठक बुलाई जाए तथा उसमें गतिरोध समाप्त करने के प्रयास किये जाए। अब अलवर में भी यही स्थितियां पैदा हो गई है। अध्यक्ष एवं महामंत्री द्वारा निर्वाचित सदस्यों को छोड़कर अन्य लोगों को मनोनीत कर लिया। यह प्रथा गलत है इससे समाज टूटता है। समाज को तोड़ना अन्य सभी कुरूतियों से बड़ी कुरुती है।
श्री राकेश बजाज, आगरा, उपाध्यक्ष ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि अध्यक्ष, महामंत्री, अर्थमंत्री सभी को समाज द्वारा चुना गया है जो जीत गया वो ही अध्यक्ष वो ही महामंत्री वो ही अर्थमंत्री अध्यक्ष महोदय सकारात्मक कार्य कर रहे हैं। तीनों एक जगह आ जाये तो महासभा बहुत आगे बढ़ जायेगी। आज की यह विशाल उपस्थिति यह साबित करती है कि समाज अच्छे कार्य के साथ है। श्री पल्लीवाल जैन पत्रिका पक्ष विपक्ष सभी की बातें छापने का सही माध्यम है लेकिन श्री पल्लीवाल जैन पत्रिका प्रबन्ध मण्डल द्वारा एक तरफा रिर्पोटें छापी जा रही है। सदभावना कमेटी की रिर्पोट पत्रिका में नहीं छापा जाना दुर्भाग्यपूर्ण है। विधवाओं की सहायता हेतु एक स्थायी कोष की स्थापना की जानी चाहिए तथा उस कोष को विधवाओं को तकनीकी प्रशिक्षण दिलवाकर स्वावलम्बित करने हेतु आर्थिक सहायता दी जाए ताकि मासिक पेंशन देने की आवश्यकता नहीं पड़े। इस तरह के कोष के निर्माण के लिए सतीश चन्द विमलचंद अनिल जैन राकेश जैन सुमन चन्द जैन, बजाज परिवार द्वारा राशि 1,00,000/- (एक लाख रूपये) देने की घोषणा करता हूं।
श्री प्रमोद जैन, लक्ष्मणगढ़ ने मंच से बोलते हुए कहा कि अलवर शाखा के अध्यक्ष एवं मंत्री आज इस कार्यक्रम में नहीं आये। उनके द्वारा अलवर शाखा में अवैधानिक कार्यवाही करते हुए चुने हुए कार्यकारिणी सदस्यों को अलग करते हुए नई कार्यकारिणी बनायी गई जो कि निन्दनीय है। महामंत्री श्री महेश जैन द्वारा इस अधिवेशन से पूर्व एक अपील जारी की गई कि इस कार्यक्रम में मेरी कोई सहमति नहीं है तथा यह व्यक्तिगत कार्यक्रम है। इस तरह की अपील किया जाना महामंत्री की सामाजिक कार्य के प्रति उदासीनता को दर्शाता है जो कि घोर निन्दनीय है। आज साधारण सभा में महासभा के कार्य में गतिरोध पैदा कर रहे पदाधिकारियों के सम्बन्ध में कोई न कोई निर्णय अवश्य लिया जाना चाहिए ।
श्री शिखर चन्द जैन शिंघई (पूर्व महासभा अध्यक्ष) द्वारा अपने उद्बोधन में बताया कि कुछ लोगों के मन में नकारात्मक विचार आने से महासभा में अनावश्यक गतिरोध पैदा हो गया। श्री शिंघई द्वारा बताया गया कि इस गतिरोध को दूर करने के लिए अलवर में 28 जनवरी, 2024 को एक बैठक आयोजित की गई जिसमें सदभावना कमेटी का गठन किया गया। इस कमेटी में पूर्व महासभा अध्यक्ष श्री देवकी नन्दनजी को भी सदस्य बनाया गया तथा मुझे कमेटी का अध्यक्ष बनाया गया। मेरे द्वारा महामंत्री श्री महेश जी एवं श्री देवकीनन्दन जैन को कई बार दूरभाष पर आने के लिए निवेदन किया गया था, उसके उपरान्त भी कमेटी में नहीं आये। सभी लोगों के विचार एवं दस्तावेज के आधार पर मेरे द्वारा रिपोर्ट तैयार की गई, जो मैंने प्रकाशन हेतु श्री पल्लीवाल जैन पत्रिका के संयोजक / सम्पादक को भेजी लेकिन उनके द्वारा यह रिपोर्ट प्रकाशित नहीं की गई। यह रिपोर्ट में आज साधारण सभा में आपके सामने पढ़कर सुना रहा हूं। श्री शिंघई द्वारा रिपोर्ट पढ़ सुनाई गई। जिसका अनुमोदन उपस्थित समस्त सदस्यों द्वारा सर्वसम्मति से किया गया। (यह रिपोर्ट माह अगस्त, 2024 की श्री पल्लीवाल जैन डिजीटल पत्रिका में प्रकाशित हो चुकी हैं)
इसी दौरान तेज बारीश के कारण व्यवधान उत्पन्न हुआ लोग अपनी जगह से खडे हुये और जोर-जोर से कहने लगे कि सबसे पहले महुआ मिटिंग के प्रस्तावों को भी यहाँ, इस साधरण सभा में पारित किया जावें और साथ में महामंत्री जी को हटाया जायें :-
अध्यक्ष महोदय द्वारा सदन के समक्ष गत मीटिंग जोकि महवा में आयोजित हुई थी जिसमें श्री राजीव रतन जैन, पूर्व महामंत्री तथा श्री पल्लीवाल जैन पत्रिका प्रकाशन समिति (संयोजक श्री चन्द्रशेखर जैन, संपादक श्री प्रकाश चन्द जैन, सह संपादक श्री पारस जैन गहनोली, अर्थ संयोजक श्री महेश चन्द जैन जयपुर द्वारा की जा रही अवैधानिक गतिविधियों एवं महासभा के कार्यों में गतिरोध उत्पन्न करने के कारण महासभा से 6 वर्ष के लिए निष्कासित करने का प्रस्ताव रखा जिसे सदन द्वारा सर्वसम्मति से पारित किया गया और आज इसें साधारण सभा में पारित किया जाता है उपस्थित जनसमूह ने दोनों हाथ उठाकर समस्त प्रस्ताव पारित कर दिये गयें।
साधारण सभा में उपस्थित कुछ सदस्यों द्वारा खड़े होकर कहा गया कि महामंत्री महेश जी द्वारा उनकी अवैधानिक गतिविधियों के कारण महासभा के कार्यों में व्यवधान पैदा किया जा रहा है। उनका फैसला भी अभी होना चाहिये और उनको पद से हटाना चाहिए और उपस्थित लोगों ने जोर-जोर से कहने लगे की महामंत्री जी को हटाया जाये, अन्यथा आज के अधिवेशन का कोई मतलब नही है लोगों के द्वारा अध्यक्ष महोदय से कहा गया कि जब फैसला आपने हमारे उपर छोडा है तो आज महामंत्री जी को उनके पद से हटाना ही पडेगा । उसके बाद सदन की भावना को देखते हुये अध्यक्ष महोदय द्वारा इन्हें पद से हटाये जाने की कार्यवाही करने हेतु प्रस्ताव रखा। उसी समय सदन में उपस्थित सभी सदस्यों द्वारा सर्वसम्मति से महामंत्री श्री महेश जैन के विरूद्ध अविश्वास प्रस्ताव पारित किया गया। अध्यक्ष महोदय ने पूरे जन समूह से अपनी जगह खडे करवाकर उपर दोनो हाथ करवाकर प्रस्ताव पारित किया गया, और कहा कि यदि किसी को आपत्ति है तो वह अभी भी अपनी बात रख सकते है, लेकिन इतने बढे जन समूह में किसी ने भी कोई आपत्ति नहीं की और सर्वसम्मति से महामंत्री महेश जी को हटा दिया गया।
अध्यक्ष द्वारा बताया गया कि महामंत्री के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पारित होने पर उक्त पद रिक्त हो गया है। अतः इस पद पर नये महामंत्री के चुनाव हेतु कल दिनांक 26 अगस्त, 2024 को प्रतिनिधि सभा में विचार किया जायेगा।
अध्यक्ष द्वारा अलवर शाखा में जो घटनाक्रम हुआ उसके बारे में भी कहा है कि यह बहुत ही निन्दनीय कार्य हुआ है, इसके लिए अलवर शाखा अध्यक्ष को पुनः कहा जायेगा कि कमेटी भंग कर विधान अनुसार निर्वाचित कार्यकारिणी सदस्यों में से ही पदाधिकारियों को चयनित किया जाये, अन्यथा उनके खिलाफ भी कार्यवाही अमल में लाई जावेगी ।
श्री निर्मल जी जैन आगरा, सबसे पहले इस भव्य आयोजन के लिए कार्यकर्ताओं को बहुत-बहुत बधाई इतना विशाल जन समूह मेरे द्वारा प्रथम बार देखा गया है, आज जो भी प्रस्ताव पारित किये गये उनका में तहे दिल से समर्थन करता हूँ। मुझे कुछ दिन पहले श्रीमान् पवन जी चौधरी एवं महेश जी मिले थे और इस महासभा की गतिरोध को दूर करने की चर्चा की मेरे द्वारा कहा गया कि आप लोग मिटिंग में क्यो नही आते ? चलो मिटिंग में नही तो कम से कम सदभावना कमेटी में तो महेश जी को आना चाहिये था। लेकिन उनके द्वारा यह जवाब दिया गया था, कि उस कमेटी में जितेन्द्र जी, आगरा को नही रखा, तो हम कैसे आये ? दूसरा उनका कि हम आर.सी. जैन साहब और राजीव रतन जी को कैस छोड दे, तब मेरे द्वारा कहा गया कि उनको तो जनता ने ही छोड़ दिया तो आप कैसे रखोगें बाकी जबरदस्ती रखना चाहोगें तो ये गतिरोध उत्पन्न रहेगा और आज सम्मेलन में जनता ने अपना फैसला सुना दिया।
श्री पारस चन्द जैन, पूर्व शाखा मंत्री, जयपुर द्वारा कहा गया कि आज की साधारण सभा में महामंत्री जी के खिलाफ फैसला तो हो चुका है लेकिन उनकी कार्यशैली के बारे में मैं भी कुछ कहना चाहुंगा, उनकी कार्यशैली बिल्कुल पक्षपात पूर्ण एवं ईर्ष्या पूर्वक है, पक्षपात मैं इसलिए कहूंगा कि श्री पल्लीवाल जैन पत्रिका समाज की है तो इसमें सूचना भी निष्पक्ष होकर प्रकाशित होनी चाहिए, जिसमें प्रकाशन समिति को तो अपना कार्य निष्पक्ष होकर ही करना चाहिए, लेकिन सबकुछ इसके विपरित है। जयपुर शाखा की खबरों में जानबूझ कर कॉट-छाँट की जाती है और आप देख ही रहे हो कि यहाँ तक की अध्यक्ष महोदय की बात प्रकाशित नही की जाती है और ईर्ष्या इसलिए कहुंगा कि महासभा का विवाद खत्म नही हो रहा, महासभा में इतना गतिरोध होने के बाद भी मुझे लेकर महामंत्री जी अपनी मिटिंग में जयपुर शाखा की जमीन का मुद्दा छेड़ रहे है। जबकि मैं आपको बताना चाहूंगा कि महामंत्री जी स्वयं इस कार्य में बहुत बड़े डिफॉल्टर है। आप सभी यहाँ बैठे हुये है, आप बताईये कि जो व्यक्ति स्वयं डिफॉल्टर हो, उससे किसी तरह के न्याय की उम्मीद की जा सकती है क्या ?
श्री श्रीचन्द जैन, जयपुर ( पूर्व महासभा महामंत्री) ने अपने ओजस्वी भाषण में अपनें विचार एवं विधान की विवेचना करते हुए बताया कि विधान की धारा 14(घ) के अनुसार अंतिम भूतपूर्व अध्यक्ष एवं महामंत्री मनोनीत सदस्य होते है ना कि पदेन सदस्य इन दोनो के द्वारा इस्तीफा देने के उपरोन्त श्री शरद कुमार जैन अध्यक्ष एवं श्री मगन कुमार जैन महामंत्री बनाये गये। अतः विधान के अनुसार अंतिम अध्यक्ष तथा महामंत्री यही होते है। सदभावना कमेटी के द्वारा भी यही प्रस्ताव पारित किया गया। इसी प्रकार विधान की धारा 15 ( 2 ) के अनुसार पदो का चुनाव हेतु केवल मात्र निर्वाचित पदाधिकारी एवं सदस्य ही अधिकृत है, जबकि श्री महावीर जी की बैठक में निर्वाचित 40 सदस्यों के स्थान पर 50 सदस्यों द्वारा वोट डाले गये जो कि पूर्णतः अवैधानिक है। इसी तरह अलवर शाखा द्वारा भी विधान की धारा 39 ( 1 ) ( ग ) की पालना नहीं की जाकर घोर अवहेलना करते हुये निर्वाचित सदस्यों को छोडकर अन्य साधारण सदस्यों को पदाधिकारी बनाया, जो कि पूर्णतः अवैधानिक है, और निर्वाचित सदस्यों के साथ एक तरह का अन्याय है, इसी तरह जयपुर शाखा जमीन का मुद्दा महासभा में बार-बार उठाया जाता जबकि इस कार्य से महासभा का किसी भी तरह का कोई सम्बन्ध नहीं है, प्रत्येक कार्य जयपुर शाखा की कार्यकारिणी द्वारा किये गये है और रजिस्ट्री भी जयपुर शाखा कार्यकारिणी द्वारा करवाई गई बेवजह का समय खराब किया जा रहा है। सबसे बडी आश्चर्य की बात यह है पूर्व अध्यक्ष जी ने अपने समाज में इतने पढे लिखे होने बाद समाज के बाहर के लोगों से इस कार्य की जाँच करवाई, जिसमें एक तो मीणा जाति के थे और इनको हम निष्पक्ष कैसे मान सकते है इसके अतिरिक्त श्री श्रीचन्द जैन द्वारा शादि विवाहो में हो रही प्री-वेडिंग को बन्द करने एवं दूल्हे को दाढी का प्रचलन चल रहा है उसें समाप्त किया जानें का प्रस्ताव रखा। तथा इस सम्बन्ध में सभी से अपील की कि इस कुरीति को समाज से समाप्त किया जाये ।
श्री मुकेश चन्द जैन (अलीपुर) जयपुर, आज साधारण सभा में जो निर्णय ले चुके वो ले लिये है लेकिन अब ज्यादा समय खराब न करके आगे के कार्य पर ध्यान देना चाहिये क्योकि अब ढेड साल ही बचा है और पुराना जो हुआ है उसे भूल जाना चाहिये । श्री सुरेश चन्द जैन, परवेणी, जयपुर आज के सम्मेलन में महामंत्री जी को जवाब दे दिया है। अध्यक्ष साहब के साथ पूरा समाज खड़ा है आप आगे के कार्य को करते जाईये। श्री राजेन्द्र प्रसाद जैन, अध्यक्ष, जयपुर शाखा द्वारा कहा गया कि अध्यक्ष महोदय हमेशा गतिरोध को दूर करने का प्रयास करते रहे है ओर महामंत्री महेश जी गतिरोध बढाने का प्रयास करते है, जब भी उनकी मिटिंग होती है तो उनका एक पत्र आ जाता है कि अध्यक्ष महोदय अपनी व्यक्तिगत मिटिंग कर रहे है आज जो विशाल जनसमूह एकत्रित हुआ है व्यक्तिगत हो सकता है क्या? जयपुर में दो मिटिंग होने के बावजूद भी महामंत्री जी मिटिंग में उपस्थित नही हुये । और आज इसी का परिणाम सभी के सामने है।
श्री महावीर प्रसाद जैन, कार्यकारिणी सदस्य, महुआ, हमारे अध्यक्ष महोदय बहुत ही कर्मठ शील है हमें इनका साथ देना चाहिये और महासभा को ऊचाईयों पर ले जाना चाहिये ।
श्रीमती सुनीता जैन, भरतपुर महिला उपाध्यक्ष, आज का यह भव्य आयोजन इतनी सुन्दर व्यवस्था इतना सुन्दर पाण्डाल, इतना सुन्दर कार्यक्रम सब कुछ यहाँ आने के बाद पॉजिटिव – पॉजिटिव नजर आ रहा है और व्हाट्सएप के माध्यम से कुछ लोगों द्वारा इस सम्मेलन के लिए नकारात्मक ही नकारात्मक स्वर निकल रहे थें।
आज जो पल्लीवाल जैन पत्रिका एक तरह से हाईजैक हो रही थी उसका विकल्प भी आज समाज के सामने है जो कि डिजिटल पत्रिका के नाम से इस समारोह में विमोचन किया गया है। अंत में सुनीता जी ने अपनी कविता के माध्यम से अपनी बात रखी और आखिर में कुछ सुझाव दिये कि इस तरह के आयोजन होते रहे साथ में रोजगार मेला एवं अपने पढने वाले बच्चों के लिए हॉस्टल की व्यवस्था का भी प्रस्ताव रखा और उन्होने विधवा सहायता का नाम बदलने के लिए कहा की इसका नाम महिला सम्मान सहायता रखा जाये ऐसा मेरा सुझाव है।
श्री पूरण चन्द जैन जयपुर के द्वारा कहा गया कि अध्यक्ष जी आये काम करना चाहते थे लेकिन कुछ लोग उनको काम नही करने दे रहे हैं, वाकई कठोर निर्णय लेने का समय है और मैं तो कहता हूँ कि एक्शन लेना चाहिये और मैं भी सुनीता जी की बात से विधवा सहायता का नाम बदलने का समर्थन करता हूँ।
श्री वी.के. जैन, पूर्व अध्यक्ष, अलवर शाखा, गरीब बच्चो की सहायता के लिए शाखा और महासभा को हमेशा छात्रवृत्ति का प्रोविजन होना चाहिये, जिससे उनकी पढाई में कोई दिक्कत नहीं आये, हमारे द्वारा अभी इसका बीडा उठाया गया और छात्रवृत्ति दी गई। हमारे अध्यक्ष साहब बहुत ही कर्मठशील है लेकिन उनको काम नहीं करने दे रहे मेरा एक सुझाव है चुनाव एक ही पद अध्यक्ष का होना चाहिये जिससे ये झगड़ा टन्टा ही खत्म हो, उन्होने अलवर के बारे मे बताया कि हमारे यहाँ के अध्यक्ष महोदय के कारण पूरे समाज को नीचा देखना पड रहा है क्योंकि उन्होने चुने हुये प्रतिनिधियों को दर किनार कर दिया और अपनी मर्जी से बाहर के लोगों को पद देकर शपथ दिला दी।
श्री राजेश जैन, आगरा, महावीर जी की मिटिंग में सही निर्णय लिया हुआ होता तो यह स्थिति नही होती। पदेन शब्द का क्या औचित्य है जब उन्होने स्वयं ने ही इस्तिफा दे दिया। उन्होने गलत किया और आज इस सम्मेलन में उनको बरखास्त कर दिया। अब हमें समाज के विकास की कुछ योजनाऐं बनानी चाहिये और बन्धुओं हम सभी को समाज हित में भावी योजनाओं पर काम करना चाहिये और उन्होने समाजहित में अपने सुझाव भी दिये।
श्री अनन्त कुमार जैन, कार्यकारिणी सदस्य, अलवर से अभी जो चुनाव हुये उसमें अध्यक्ष और मंत्री जी ने अपनी हठधर्मिता और मन मर्जी का परिचय दिया और चुने हुये प्रतिनिधियों को किनारे कर दिया। जब चुनाव विधि विधान सेहुआ तो फिर उनके द्वारा ये मनमानी करने की क्या आवश्यकता पडी, ऐसे व्यक्तियों को दर किनार करना चाहिऐ ।
अन्त में अध्यक्ष महोदय द्वारा धन्यवाद ज्ञापित करते हुए साधारण सभा की बैठक की समाप्ति की घोषणा कर सभी से सायंकालीन भोजन हेतु पधारने तथा उसके उपरान्त होने वाले सांस्कृतिक कार्यक्रमों में उपस्थिति देने हेतु निवेदन किया गया। भारी बारिश के व्यवधान के बाद ही खूब जन समूह कार्यक्रम को देखने के लिए पधारें और उन्होने कार्यक्रम मे बच्चों एवं महिला मण्डलों को पारितोषिक देकर उत्साह बढाया, अन्त में कार्यक्रम के संयोजक श्री मगन चन्द जी ने कार्यक्रम की समाप्त की घोषणा कर अगले दिन की कार्यक्रम की रूप रेखा एवं प्रतिनिधि सम्मेलन में समय से पहुचने का निवेदन किया ।
(त्रिलोक चन्द जैन ) (पारस चन्द जैन )
अध्यक्ष महामंत्री
अखिल भारतीय पल्लीवाल जैन महासभा